यादव ट्रैवल्स की बस नंबर डीएल 1 पीसी 0149 वही बस है जिसमें 16 दिसंबर 2012 को निर्भया के साथ राम सिंह,मुकेश सिंह, विनय शर्मा,पवन गुप्ता,अक्षय ठाकुर के साथ एक नाबालिग आरोपी ने सामूहिक दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया गया था। इस बस को देखकर दिल्ली पुलिस से लेकर वसंत विहार इलाके के आसपास रहने वाले लोग आज भी गुस्से से बौखला उठते हैं।
इस केस की जांच में शामिल रहे पुलिसकर्मियों का भी कहना है कि जब वह इस बस को देखते हैं तो रोंगटे खड़े हो जाते हैं और गुस्सा आ जाता है। निर्भया के साथ जिस बस में बर्बरता हुई वह किसी दिनेश यादव नाम के शख्स की थी। वह बस दिनेश को कभी वापस तो नहीं मिली, लेकिन उस रात के बाद बस भी कभी नहीं चली। आज सात साल बाद उस बस को देखने पर ऐसा लगता है मानो वह खुद निर्भया के साथ हुए हादसे को चीख-चीख कर दुनिया को बता रही हो।
पुलिस ने अगले दिन संत रविदास कैंप से बरामद की थी बस
वारदात में इस्तेमाल की गई इस बस को बसंत विहार पुलिस ने वारदात के अगले दिन यानी 17 दिसंबर 2012 को दिल्ली के संत रविदास कैंप से बरामद किया था। जहां इस केस के 6 में से 4 दोषी रहते थे। केस की जांच के दौरान इस बस से पर्याप्त फॉरेंसिक सबूत जुटाए जाने थे। इस बारे में जैसे ही लोगों को पता चला तो बस को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
अंबेडकर नगर में भी बस को लोगों ने बनाया निशाना
इसके बाद पुलिस ने इसे हटाकर अंबेडकर नगर स्पेशल स्टॉफ कार्यालय के पास खाली जगह में खड़ा कर दिया। यहां भी लोगों ने इसे निशाना बनाया और वहां आग लगा दी। इसमें कई वाहन जल गए।